Sunday, August 09, 2009

अग्निपथ

वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने, हों बड़े,
एक पत्र छांह भी
मांग मत, मांग मत, मांग मत,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ |

तू न थकेगा कभी,
तू न थमेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ |

यह महान दृश्य हैं,
चल रहा मनुष्य हैं,
अश्रु, स्वेद, रक्त से
लथपथ, लथपथ, लथपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ |

- हरिवंश राय बच्चन